The Basic Principles Of sidh kunjika



पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

Salutations towards the Goddess who has the form of root chants Who with the chant “Goal” has the form with the creator Who with the chant “Hreem” has the form of one who can take care of every thing And who with the chant “Kleem” has the form of passion

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल more info में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *